Understanding of Karmic Debt | Ashish Mehta

🚀 Add to Chrome – It’s Free - YouTube Summarizer

Category: N/A

Building WordCloud ...

Summary

No summary available.

Transcript

00:00

नमस्कार। क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों कुछ लोगों की बातें आपको ट्रिगर कर जाती है। उतना ही नहीं। कुछ लोगों को देखने मात्र से आपको गुस्सा आने लगता है। कुछ लोगों के साथ आप

00:16

कितना ही एफर्ट्स क्यों ना लगा दो वाइब्स मैच ही नहीं होती। कुछ लोगों के साथ बैठ के आप हेल्पलेस फील करते हो और कुछ लोगों के साथ बैठ के आप वेरी मच पावरफुल फील करते हो। क्यों? कुछ लोगों को आप आपके

00:34

जीवन से निकालना चाहते हो और वह लोग बार-बार आपकी लाइफ में वापस आ जाते हैं। क्यों? कुछ लोगों के प्रति आप काफी डिपेंडेंट फील करते हो। इन सभी अनरिजोल्व इश्यूज का जवाब मिलता है भारतीय सनातन

00:51

परंपरा में आते हुए एक शब्द से जिसका नाम है ऋणानुबंध या कार्मिक डेथ। इस सिद्धांत को सनातन परंपरा में बहुत ही डिटेल में समझाया गया है। इतना ही नहीं कैसे हम ऋणानुबंध से मुक्त होकर उपाय कर

01:11

पाए। कैसे ऋणानुबंध से मुक्त हो सके उसके सही और बहुत ही आसान तरीके सनातन परंपरा में डिटेल में दिए गए हैं जिसके बारे में आज इस वीडियो में बात करेंगे। सर्वप्रथम तो ऋणानुबंध का सिद्धांत यह कहता है कि

01:28

जीवन में हम जिनको भी मिलते हैं या जो भी हम प्राप्त करते हैं वह चाहे कोई व्यक्ति हो वस्तु हो घर हो पेट हो या आपका व्हीकल ही क्यों ना हो उनके साथ हमारा कार्मिक

01:44

टाई या फिर कर्मों का हिसाब होता है। अब उस हिसाब में यदि हम उनसे कुछ मांगते हैं तो वह हमें सुख देंगे। हमें अच्छी तरह से ट्रीट करेंगे या फिर हमें स्पेशल फील

02:00

करवाएंगे। लेकिन यदि वह हमसे कुछ मांग रहे हैं तो हमें ऑल द टाइम गिविंग गिविंग और गिविंग ही करना होगा और सामने से ना ही रिस्पेक्ट मिलेगा लव मिलेगा या फिर जो

02:16

रिस्पांस हमें चाहिएगा वह नहीं मिलेगा। इसी सिद्धांत को समझाते हुए पद्म पुराण में यह श्लोक दिया गया है। ऋणानुबंध रूपण पशु पत्नी सुतालय ऋणाक्षय क्षय जानती तत्र

02:32

का परिवेदना अर्थात हमारे जीवन में जो भी हमें पेट्स मिलते हैं व्हीकल्स मिलते हैं स्पाउस हमारी जो होती है या फिर हमारी जो लव लाइफ होती है लव्ड वंस होते हैं चिल्ड्रन होम यह सब ऋणानुबंध

02:48

हो तब तक ही रहते हैं जैसे ही डे या ऋण खत्म हो जाते हैं। वह चले जाते हैं। अब यदि यह जो कार्मिक कनेक्शन है वह प्लेज़ेंट हो हमें सुख देने वाला हो, तो कोई प्रॉब्लम ही नहीं है। लेकिन यदि उस

03:06

व्यक्ति के साथ रहना पॉसिबल ही नहीं हो। ऑल द टाइम उनके साथ रहने से हमें प्रेशर फील होता हो। रिलेशनशिप ऑल द टाइम डिमांडिंग ही हो। हमें ऑन टोस रखती हो। हम वीक फील करते रहते हो। ओवरली डिपेंडेंट

03:24

होने के कारण हमें अनप्लेज़ेंट फीलिंग्स आती हो। तो उस सिचुएशन में क्या करें? क्या पसंद ना होते हुए भी भुगतना और मरमर के उस रिश्ते को निभाना ही चॉइस है

03:40

या कुछ और भी ऑप्शंस है तो शास्त्र कहता है कि और भी ऑप्शंस है और उसके लिए पाराशर टीका में एक सूत्र दिया गया है जो कार्मिक डे से हमें पूरी तरह से मुक्ति देने में

03:55

संभव है। वह सूत्र यह कहता है प्रायश्चित भी शांति कर्म भी वानेन ऋणानुबंधना क्षणता याती विलयतेवा

04:10

अर्थात श्लोक को यदि डिकोड करें तो उपवास करने से व्रत करने से तीर्थ यात्रा तीर्थ स्नान दान यज्ञ नवग्रह पूजा या नवग्रह शांति जप या मेडिटेशन से ऋणानुबंध कट भी सकते हैं

04:28

और कम भी हो सकते हैं। यदि लिस्ट को जरा ध्यान से देखें और डिकोड करके समझे तो इन सब में सबसे आसान जो तरीका है वह है आत्म निवेदन का और उसमें यह कहा जाता है कि उन व्यक्तियों को जिनसे

04:45

हमें छुटकारा चाहिए। उन व्यक्तियों को मन ही मन में याद करके उनसे माफी या फॉरगिवनेस को मांगने से जो कार्मिक डे है वह दूर हो सकता है। एक बात आपको याद रखनी होगी और वह और वह यह है

05:03

कि वैसे लोग जो हमें नहीं चाहिए और बार-बार हमारी लाइफ में आ रहे हैं वह हमसे कुछ मांग रहे हैं। सो यदि हम उनको अटेंशन दें, उनको भले ही कम मिले पर उनको रिस्पेक्ट दें या मन ही मन उनसे माफी

05:21

मांगे तो जो हमारे कर्म के अनुबंध है हमारा जो कर्म का ऋण है वह दूर हो जाएगा और वैसे व्यक्ति हमें ज्यादा दुखी नहीं करेंगे। याद रहे कोई हमें ट्रिगर कर रहा है, हमारा अटेंशन ले रहा है, हमारी एनर्जी

05:39

को सक कर रहा है। उसका अर्थ ही यही है कि वह नेगेटिव ऋणानुबंध है। और उसके लिए उस व्यक्ति को मिलने की या उसको प्लीज या उसको खुश करने की जरूरत नहीं है। आप मन ही मन में संकल्प करके उनसे माफी मांगेंगे या

05:57

फिर थैंक यू। आई लर्न माय लेसन। जो लेसन तुम्हें मुझे देना था मैंने ले लिया। थैंक यू। यू आर नो मोर रिक्वायर्ड। इतना संकल्प करके भी आप माफी मांगोगे तो शास्त्र यह कहता है कि वह व्यक्ति आपको हैरेस नहीं

06:14

करेगा। याद रहे हमारी कामना या हमारा संकल्प ही हमें एंड रिजल्ट देता है। सो वंस एंड फॉर अटमोस्ट एक दफे सुनिश्चित करके आप बैठ जाओ और मन में क्लियर कर दो

06:31

कि वह व्यक्ति आपको आपके जीवन में नहीं चाहिए। फिर वह संकल्प करके वि द फीलिंग्स एंड वि द फेथ। यदि आप मन ही मन उनसे माफी मांगोगे तो भले ही यह टेक्निक बहुत ही

06:47

सिंपल लग रही है लेकिन उस करने लेकिन वह करने से वैसे कर्मों के जो डेथ है वह नष्ट हो जाएंगे और आप सुख रूप होकर अपने जीवन को व्यतीत कर पाओगे। हम सब यदि ऋणानु बन

07:05

के इस कांसेप्ट को समझ लेंगे और इस तरह की प्रैक्टिस करेंगे तो हम मीनिंगफुल एंड हेल्पफुल पीपल को अट्रैक्ट कर पाएंगे और नॉट हेल्पिंग और हैरेस करने वाले जो

07:21

रिलेशनशिप है उनको दूर कर पाएंगे। इस सैंपल टेक्निक का उपयोग करके आप सब अपने जीवन में सुख और शांति प्राप्त कर पाओ। वैसे ईश्वर को प्रार्थना करके मेरी वाणी को मैं विराम दूंगा। शुभम भवतु प्रणाम।